ध्यान लगे , नहीं लगे
ध्यान लगे , नहीं लगे , ध्यान की स्थिति अच्छी हो , बुरी हो , कोई ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है उधर। आप ध्यान रेग्युलर कर रहे हो , ध्यान में सम्मिलित हो रहे हो , सेंटर पर जा रहे हो , बस्स ! इसी में सबकुछ है। ध्यान से कभी जीवन में अधोगती नहीं होगी , कभी डाऊनफॉल नहीं होगा। हाँ! एक सीढ़ी से दूसरे सीढ़ी में जाने में टाईम लगेगा। प्रत्येक का अलग-अलग है। किसी को कम समय लगेगा , किसी को ज्यादा समय लगेगा। लेकिन ज्यादा समय इसलिए लग रहा है के तू ऊपर जाके नीचे न गिरे, इसलिए। समय प्रत्येक का अलग-अलग है। एक दफे प्राण छोड़ दो , लेकिन ध्यान मत छोड़ो। क्योंकि ध्यान छूट गया ना , तो फिर प्राण छूटने सरीखा ही है। क्योंकि फिर उस रास्ते पर चल रहे हो , उस मार्ग पर चल रहे हो जिस मार्ग का कोई अंत नहीं है , कोई एंड नहीं है।
मधुचैतन्य जुलाई २००६/२७
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