मुक्त अवस्था
मुक्त अवस्था का सतत अभ्यास करना ही ध्यान है और ध्यान से वह मोक्ष की स्थिति भी प्राप्त हो जाती है जिसे पाने के बाद मनुष्य का दुसरा जन्म ही नही होता क्योंकि नया जन्म लेने के लिए कोई कारण ही नही रहता है । और इस मोक्ष की स्थिति को पाना केवल और केवल मनुष्यजन्म में ही संभव है ।...
ही .का .स .योग ..
भाग - ५ - १७३
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भाग - ५ - १७३
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