धर्म और आध्यात्म में अंत

     निसर्ग  के  सानिध्य  में  "विचार " नहीं  आते  है । निसर्ग  विचार  नहीं  करता  है । विचार  मनुष्य  के  मस्तिक  के  कारण  ही  निर्माण  होते  है । विचार  भूतकाल  के  होते  है  और  भविष्यकाल  के  होते  है । वर्तमानकाल  में  कोई  विचार  ही  नहीं  होता  है ।

परमपूज्य गुरुदेव
आत्मेश्वर
पन्ना २७

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