प्रयोग

मैंने तुमको कितना भी बोला, "माँगो मत, माँगो मत।" मेरे को आज सुबह ध्यान में लगा, मैंने कितना भी बोला तो भी तुम सुनने वाले नहीं, तुम सुधरने वाले नहीं। तो आज सुबह ध्यान करते बैठा था, तो मेरे को एकदम नया आइडिया आया। तुम्हारी डिमांड के ऊपर आया, एकदम। तुमसे जैसे जुड़ा हुआ रहता हूँ ना, तुम्हारे सब छक्के-पंजे सब मेरे को समज में आते रहते हैं। अब तुमको रास्ता बताता हूँ कि तुम माँग भी नहीं रहे हो लेकिन मिल रहा है। इसका एक रास्ता बताता हूँ तुमको ध्यान में। मेडीटेशन्स करो, ध्यान करो .. हँ! समज लो तुमको कोई बीमारी है, हँ! तुम ये मत बोलो भगवान को कि मेरी बीमारी ठीक कर दो .. फिर माँगना हो गया ना! आप मन ही मन प्राथॅना करो - "मैं पहले से अधिक स्वस्थ हो रहा हूँ। मैं पहले से अधिक स्वस्थ हो रहा हूँ। मैं पहले से अधिक स्वस्थ हो रहा हूँ।" ध्यान के बाद ऐसी प्राथॅना करो। दुसरा, वो बीमारी को नाम याद करने की जरूरत नहीं है। कौनसी बीमारी है वो ना मैंने पूछा आपको ना आप बताने की जरूरत है। मै स्वस्थ हो रहा हूँ - ये पूणॅ भाव के साथ, पूणॅ एकाग्रता के साथ ध्यान में अगर एक मेसेज देते हो न, तो ये मेसेज  (संदेश) आपके ब्रेन  (भेजा) तक जाएगा और ब्रेन से पूरे बॉडी में पहुँचेगा। और आपकी कोई भी बीमारी हो, आपको स्वास्थ्य लाभ होना चालू हो जाएगी। आज सुबह मैंने ये रास्ता निकाला कि आप माँग भी नहीं रहे हैं, लेकिन आपको मिल रहा है। आपका स्वास्थ्य अच्छा हो जाएगा। अब यही का यही फॉर्म्युला अगर आपकी फायनांशियल कंडीशन  (आर्थिक स्थिति) खराब है, तो उलटा कर सकते हो। "मेरी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी हो रही है। मेरी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी हो रही है। मेरी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी हो रही है।" क्या है , मालूम है क्या? 'जे जे वांच्छील, ते ते पाईल!' ऐसा समय है अभी। जो आप इच्छा करोगे, वो होगा। जो आप सोचोगे वो होगा। इसीलिए, एक तो माँगो मत लेकिन नहीं माँगते हुए भी सोच तो बदल सकते हो! चेंज तो कर सकते हो! सिर्फ आप ऐसा विचार करो - ऐसा हो रहा है, तो ऐसा होना चालू हो जाएगा। "मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी हो रही है। आर्थिक स्थिति अच्छी हो रही है। आर्थिक स्थिति अच्छी हो रही है।" तीन बार बोलो और शांतचित्त होके बैठ जाओ। आप देखोगे, आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी होना चालू हो जाएगी। ये प्रयोग करके देखो।
ये जैसे इंन्स्टंट फूड रहता है ना, वैसे एकदम स्पेशल शिर्डी में उत्पन्न हुआ, शायद बाबा की कृपा में आज आया होगा ये विचार, तो आपको दे रहा हूँ ।
ये मैंने आज तक कभी किसी शिबिर में नहीं बताया।

~परम पूज्य गुरूदेव,
सहस्त्रार चक्र,
" शिर्डी महाशिबीर 2018",
पेज नं. 449,450

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