श्री सदगुरु के सानिध्य

     श्री  सदगुरु  के  सानिध्य  में  जाते  है , जैसे  उनका  दर्शन  करते  है , हमारी  भी  भीतर  की  यात्रा  प्रारंभ  हो  जाती  है । अब  प्रश्न  ये  आता  है --अगर  हम  आत्मा  है  तो  भीतर  कौन  जाता  है ? भीतर  शरीर  का  अहंकार  जाता  है ।  अहंकार  का  भाव  धीरे - धीरे  धीरे -धीरे   अंदर  जाता  है  और  जितना  अंदर  जाएगा  उतना  ही  ध्यान  अच्छा  लगेगा ।
✍ . . . .  .
  आपका
बाबा स्वामी

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