प्रकृति का नियम

प्रकृति  का  नियम  है  :--
आप   वह  जीवन  ही जीते  है  जो  जीवन  जीने  की  आप  इच्छा  रखते  है । तो  प्रकृति  में  फैली  विश्वचेतना  वह  जीवन  का  निर्माण  करने  में  लग  जाती  है ।...........
वैश्विक  चेतना  का  नियम  है  :---  वह  कार्यरत  सदैव  रहती  है , बस  उसकी  दिशा  और  दशा  निश्चित  नही  होती  है । उसे  हमारा  चित्त  दिशा  प्रदान  करता  है । और  चित्त  जो  दिशा  प्रदान  करता  है , वह  उस  दिशा  में  बहना  प्रारंभ  कर  देती  है ।

ही..स..योग.[ ५-- १९४/ ९५ ]

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