तुम्हारे माध्यम से इस आत्मज्ञान को लाखों लोग प्राप्त करेंगे
तुम्हारे माध्यम से इस आत्मज्ञान को लाखों लोग प्राप्त करेंगे , जो व्यक्ति तुम्हारे सामने आ गया , वह इसके योग्य ही है , अन्यथा वह सामने आएगा ही नहीं | और सामने आया भी तो वह टिकेगा नहीं | तुम तो सागर हो | तुम तक पापी व पुण्यवान दोनों पहुँच सकते हैं और तुम सागर की तरह दोनों को ह्रदय से अपनाओगे | पर टिकेगा वही जो आत्मज्ञान का बीज पाने योग्य होगा | आत्मज्ञान का बीज प्राप्त करना और उस बीज को अंकुरित करना ,इन दोनों के बीच काफी समय लगता है | कई बार तीन चार जन्म भी लग जाते है |
~स्वविचार युक्त
हि.स.यो.१/२१०
हि.स.यो.१/२१०
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