प्रतिदिन परमेश्वर का आभार व्यक्त करना
प्रतिदिन परमेश्वर का आभार व्यक्त करना । जिसने आपको सूर्योदय देखनेका सौभाग्य प्राप्त किया , परमात्माने जो भी कुछ जीवन में दिया है , उसके प्रति आभार व्यक्त करना । आज का दिन मेरी लिए "शुभ् " होगा "मंगल " होगा , चैतन्यपूर्ण उत्साह वाला होगा । आज मुझे कुछ नई अनुभुतिया होने वाली होगी । आज मुझे कुछ अच्छे अनुभव होने वाले होंगे ऐसा "पवित्र और शुद्ध " भाव रखकर दिन का प्रारंभ करना है ।अनुभूतियाँ सदैव "वर्तमान " में रहनेवालों को ही होती है । इसलिए आज़ मैं पूरे दिन वर्तमान समय में रहूँ ताकि चैतन्य सदैव अनुभव होता रहे । आज़ ही मैं जन्मा हूँ , य़ह मानना तो एक ओर "भूतकाल " समाप्त हो जाता है , दूसरी ओर ज्ञान ग्रहण करने के लिए हमारी "गुणग्राहकता " रीसीव्हीण्ग बढ़ जाती है ।
जब लगाई मैंने गूरूदरबार में अर्जी है ।
अब जो भी हो मंजूर गुरु की मर्जी है ॥
अब जो भी हो मंजूर गुरु की मर्जी है ॥
ऐसा कहकर परिस्थिति को स्वीकार कर लो ।
✍-पूज्य गुरुमाऊली
१५/१/२०१९
१५/१/२०१९
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