चैतन्य के रूप में मैं आपके साथ ही हूँ । - बाबा स्वामी
आप तीन बार गुरुमंत्र बोलो औऱ आप अनुभव करो कि चैतन्य के रूप में मैं आपके साथ ही हूँ । सदैव याद रखो , आप कभी भी अकेले नहीं हो । मेरा चित्त सदैव आप ही के ऊपर है । माँ का चित्त सदैव अपने बच्चों पर ही हॉट है । मैं आपकी माँ हूँ । तो आपको छोड़कर मेरा चित्त कैसे इधर -उधर आप जब भी मुझे याद करो तो अपने पाश ही पाओगे । यह अकेलेपन के एहसास को इस गुरुपुर्णिमा में मुझे "गुरुदक्षिणा " में समर्पित करो । फिर आप देखोगे कि यह "गुरुपुर्णिमा " आपके जीवन में एक मील का पत्थर साबित होगी ।
-परमपूज्य स्वामीजी . . . . . .
"गुरुपुर्णिमा संदेश" ७ / ७ / २००९
Comments
Post a Comment