पानी केवल शरीर को शुद्ध नहीं करता, बल्कि आत्मा को भी शुद्ध करता है

गुरुदेव की गुफा के आगे दाहिनी ओर एक जलप्रपात था। ऐसी ही एक सुबह थी। गुरुदेव ने कहा,"मैंने इसलिये तुम्हें उस जलप्रपात के पानी पर एकाग्रता करने के लिए कहा था क्योंकि पानी केवल शरीर को शुद्ध नहीं करता, बल्कि आत्मा को भी शुद्ध करता है, चित्त को भी शुद्ध करता है। और आध्यात्मिक प्रगति के लिए चित्तशुद्धि अत्यंत आवश्यक है। चित्तशुद्धि आध्यात्मिक प्रगतिरूपी भवन की आधार शिला हैं। बिना चित्तशुद्धि के आध्यात्मिक प्रगति संभव ही नहीं है। चित्तशुद्धि किए बिना आध्यात्मिक प्रगति की शुरुआत ही नहीं की जा सकती है। चित्तशुद्धि किए बिना हम हमारे काम के भी नहीं है और दूसरों के काम के भी नहीं हैं।"

हि. का. स. यो.(1) पेज 42

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी