अपने अस्तित्व को शून्य कर लोगे
अपने -आपको जानो ,अपने -आपको पहचानो औऱ अपने -आपको जान करके जब आप अपने अस्तित्व को शून्य कर लोगे , आप भूल जाओगे आप कौनसे देश कें हो , कौनसे धर्म कें हो , कौनसी भाषा कें हो , कौनसी जाती कें हो , आप स्त्री हो या पुरुष हो ...ये सब बातें भूल जाओ , इन सब बातों का कोई अर्थ नहीं है । आप सिर्फ इतना ध्यान दो की आप हीं परमात्मा हो , परमात्मा आप हीं कें भीतर बैठा हुआ है । परमात्मा से आपका कोई अलग अस्तित्व नहीं है , केवल आपके हीं मैं कें अहंकार कें कारण आपको वो अस्तित्व अलग नजर आ रहा है , अलग लग रहा है ।
गुरुपुर्णिमा २०१७
गुरुपुर्णिमा २०१७
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