मनुष्य का चित्त

मनुष्य  का  चित्त  मनुष्य  को  भटका  सकता  है । इसलिए  इस  आसक्ति  के  कारण  चीत्तरुपी  घोड़े  को  केवल  "संतोष " रूपी  लगाम  ही  रोक  सकती  है ।

ही.का.स.योग.
खंड - 1 / पृष्ठ - 37

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