यह गुरूशक्तियों का साधकों को दिया गया एक बहुमूल्य उपहार है
यह गुरूशक्तियों का साधकों को दिया गया एक बहुमूल्य उपहार है। प्रभु से
प्राथॅना है - व्यक्तिधाम नहीं, सचमुच, सही अथॅ में श्री गुरूशक्ति धाम बने
और इस स्थान से किसी आत्मा को परमात्मा की अनुभूति हो और इस प्रतिमा के
निमित्त से कोई साधक संपूणॅ समपॅण के साथ परमात्मा के सामने झुके और
परमात्मा से एकाकार होकर परमात्मा के सान्निध्य की अनुभूति प्राप्त करे, बस
यही शुद्ध इच्छा है।
आध्यात्मिक सत्य
आध्यात्मिक सत्य
Comments
Post a Comment