११वाँ गहन ध्यान अनुष्ठान

।। जय बाबा स्वामी ।।
मेरे सभी साधक भाई बहनों को मेरा नमस्कार,
११वाँ गहन ध्यान अनुष्ठान संपन्न हुआ । यह अनुष्ठान किस प्रकार गुज़रा कुछ पता ही नहीं चला । लेकिन हर किसीने यह अनुभव अवश्य किया होगा की हम निर्विचरिता के धरातल से ध्यान के शून्य अंतरिक्ष में पहुँच गए । यह उड़ान मात्र गुरुकृपा के बरसने पर ही सम्भव होती है ।
इस गुरुकृपा ने आश्रम पर गुरुकार्य के रूप में कई आत्माओं को आयोजन एवं प्रबंधन रूपी विशेष कार्य करने का मौक़ा भी दिया ।
आश्रम पर इस गहन ध्यान अनुष्ठान को इतना बेहतर बनाने के लिए जो गुरुकार्य स्वयं सेवकों ने किया वह बहुत ही सराहनीय है । आश्रम समिति ने बहुत ही अच्छा सहकार दिया जिससे आश्रम प्रबंधन में कोई दिक़्क़त नहीं आयी । आश्रम में अपना सर्वस्व समर्पित कर गुरुकार्य करने वाले सभी सेवधारियों को धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि उन्होंने सभी के साथ बहुत ही सामंजस्य से सभी स्वयंसेवकों एवं आश्रम समिति के साथ कंधे से कंधा मिला कर इस कार्य को पूर्ण किया । आश्रम समिति ने IT क्षेत्र में प्रयोजन को और बहतर करने हेतु जो समर्थन एवं सम्मति दिखायी है उसी से साधक भाई बहनो की रुकने की व्यवस्था में IT का Accomodation module बन पाया । इस कारण इस क्षेत्र में हमें सहायक बने सभी आश्रम सेवधारी, स्वयं सेवक एवं आश्रम समिति सदस्यों का ख़ूब ख़ूब धन्यवाद ।
डोनेशन की टीम ने वास्तव में "Kaizen" इस शब्द को सार्थक कर दिखाया है । "kai" का अर्थ है "सदैव", और "zen" का अर्थ है "उत्तमतर बनाना" । एक बहुत ही अच्छी व्यवस्था डोनेशन की मौजूद थी लेकिन डोनेशन टीम ने उसे और बेहतर बनाने में हमें सुझाव दिए ।
IT टीम को बहुत बहुत धन्यवाद, क्योंकि इन सभी स्वयं सेवकों एवं सेवधारियों सह समिति की और से मिले सुझावों को बहुत कम समय में पूर्ण करने का कार्य इन्होंने कर दिखाया है ।
कुल मिला कर देखा जाए तो समर्पण के भविष्य की नीव सभी साधकों ने सामूहिक कार्य कर सम्भव बनायी है । मैं मन से चाहता हूँ कि आप सभी साधक भाई बहन इस कार्य के लिए सभी को अवश्य प्रोत्साहित एवं उत्साहित करें ।

आपका 
अनुराग

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