'बाँटना' ही सही अथॅ में साधक का जीवन है

● *'बाँटना' ही सही अथॅ में साधक का जीवन है।*
*जो 'बाँट' रहा है, वही सही अथॅ में जुड़ा हुआ है और जो जुड़ा हुआ है, वही सही अथॅ में जीवित है।*
*मनुष्य-जीवन का सारा रहस्य इस 'बाँटने' में छुपा है।*

*हिमालय का समपॅण योग*
*पवित्र ग्रंथ 1/16*

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