आपको जो दिख रहा है वह इस जन्म का है जब कि हमारा संबंध *पूर्व जन्मो* के है

आपको जो दिख रहा है वह इस जन्म का है जब कि हमारा संबंध *पूर्व जन्मो* के है। बस मैं जानता हुँ। अभी कुछ साधक जान पाये है, कुछ नही। उन्हें ही केवल याद कराने का प्रयास करता हु। एक जन्म में निच्छित हि इतना कार्य होना संभव नही है। जानने और न जानने के बीच आता है- यह *शरीर* । यह *शरीर* जब छोड दूंगा तो सब जान जायेंगे। लेकिन वह उसके पहले जाने यह प्रयत्न है।
पृष्ठ ११०,
सदगुरु के हृदय से(६)

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