पूर्ण समर्पण

"जब किसी का पूर्ण समर्पण ईश्वर अथवा गुरुशक्तियों के प्रति हो तो उसके जीवन में उसे किसी तरह की कमी का अनुभव नही होता - पूर्ण संतोष का भाव जाग्रुत होता है ।"- म.चैतन्य दिसम्बर २०१३

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी