दस हजार लोगों के साथ ध्यान करना एक दिन और दस हजार दिन ध्यान करना ,कितना अंतर है
दस हजार लोगों के साथ ध्यान
करना एक दिन और दस हजार दिन ध्यान करना ,कितना अंतर है ! तो दस
हजार दिन का ध्यान , तुमको अगर एक दीनमे आगे की प्रगती मिल
रही है ,तो क्यों अपने जीवन के दस हजार दिनों को बर्बाद कर रहे
हो ? तो महाध्यान के रूप में एक बहुत बड़ी सामुहीकता की छत्री
आपको प्राप्त होने जा रही है !
॥मधु चैतन्य ॥
मार्च -२०१२
॥मधु चैतन्य ॥
मार्च -२०१२
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