ध्यान कर अपने चित्त को भीतर की ओर मोडना होगा

ध्यान कर अपने चित्त को भीतर की ओर मोडना होगा । और यही प्रक्रिया मनुष्य के जन्म से म्रुत्यु तक चलते ही रहती है । और उसी संतुलन की स्थिती बनाए रखना और उसी संतुलन की स्थिती में म्रुत्यु आना ही "' मोक्ष "' है । मोक्ष याने म्रुत्यु नही । मोक्ष एक ऐसी स्थिती है जिससे संपूर्ण जीवन संतुलित हो जाता है । जबतक शरीर है , तभी तक मोक्ष की स्थिती प्राप्त की जा सकती है ।

ही..स..योग [ ५ ]
प्रुश्ठ - ८०

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