चित्त मोक्ष का द्वार


  • एक शुद्ध और पवित्र चित्त पाने के लिए आवश्यक ,संपूर्ण समर्पण करना है ।
  • अपने भूतकाल के ज़हर का त्याग करना है ।
  • दूसरे के दोषशोधक व्रुत्ती का त्याग करना है ।
  • " मै " के अहंकार का त्याग करना है ।
  • आलस्य का त्याग करना है ।
  • आसक्ति का त्याग करना है ।

चित्त मोक्ष का द्वार
 २ ० ० ७

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