मंत्र में भाव महत्वपूर्ण होता है
पू. स्वामीजी को गुरुदेव
ने कहा था की ,जिस तरह से शुद्ध पानी में कोई रंग
डाला जाए तो वह रंग को आगे करता है ; ठीक उसी तरह
मंत्र भाव को आगे करता है । मंत्र भावपूर्ण बन जाता है
और जिस भाव से मंत्र का उच्चारण किया जाता है वह
वही भाव का प्रतिनिधित्व करता है । मंत्र में भाव
महत्वपूर्ण होता है ।
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म.चैतन्य
सितम्बर...२०१०
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म.चैतन्य
सितम्बर...२०१०
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