आत्मा का क्षेत्र ही शाश्वत क्षेत्र है क्यूँकि आत्मा में ही परमात्मा निवास करता है

आत्मा का क्षेत्र ही शाश्वत क्षेत्र है क्यूँकि आत्मा में ही परमात्मा निवास करता है। शरीर नश्वर है, इसलिए शरीर का क्षेत्र भी नाशवान है। बदलाव भी प्रकृति की देन है। कभी कोई शरीर एक समान नहीं होता है। प्रकृति का रहस्य प्रकृति के बदलाव में ही छुपा हुआ है। प्रकृति से जुड़ी हुई प्रत्येक चीज़ में बदलाव होता ही रहता है। मनुष्य का जन्म भी प्रकृति के एक निस्चित क्षेत्र के आधिन हुआ है। इसीलए वह समय समय पर बदलता रहता है। बदलना ही प्रकृति का स्वभाव है। इसीलिए प्रकृति में बदलाव आते हि रहते है। *_

- HSY 1 pg 251

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