परमात्मा का कोई आकार नहीं है

परमात्मा का कोई आकार नहीं है, इसीलिए वह दिख नहीं सकता। वह शक्ति के रूप में होता है, इसीलिए केवल अनुभव हो सकता है। इसीलए सदगुरू के प्रत्येक व्यवहार से परमात्मा की शक्ति बहती रहती है, पर उनके व्यवहार पर ध्यान न रखकर हमर वह अनुभव करनी होती है। यह होता तो बड़ा कठिन है की जो दिख रहा है, उस से आँखे मूँदना और जो नहीं दिख रहा है, वह अनुभव करना। बस यही तो अभ्यास करना होता है। जिसे यह अभ्यास करना आ गया, समझ लो, उसे फिर सब आ गया। 

* HSY 1 pg 323

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