भाव दशा

"' समर्पण ध्यान "' पद्धति भावदशा पर आधारित एक पद्धति है । इस साधनाकी शुरुवात ही अपने -आपको शरीर नही , एक पवित्र आत्मा मानकर ही प्रारंभ होती है - अपने आपको आत्मा मानना और सदगुरु को परमात्मा मानना । यह भाव सतत अभ्यास से जैसे -जैसे बढ़ने लगता है , वैसे -वैसे मनुष्य को शरीर का एहसास कम होने लग जाता है । तो सारी समस्याएँ समाप्त हो जाती है ।

🥀 ही..स..योग..
🥀भाग [ ५ ]

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