॥ आध्यात्मिक सत्य ॥


  • परमात्मा के स्वरूप को समझे बिना परमात्मा की अनुभूति संभव नही है ।
  • जब मनुष्य के प्रयत्न असफल हो जाते है और " मै " का अहंकार टूट जाता है तब उसे उस परमपिता परमेश्वर की याद आती है ।
  •  हम पास के परमात्मा को छोड़कर बाहर के परमात्मा की खोज में समय बर्बाद करते है ।
  • कोई भीतर पहुँचा हुआ माध्यम ही हमे भीतर की परमात्मा तक ले जा सकता है ।
 आध्यात्मिक सत्य

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