गुरुपूर्णिमा
गुरुपूर्णिमा वह उत्सव है जिस उत्सव में *जो दिख रहा है , वह न देखते हुए , जो भीतर से बह रहा है , उसको , अनुभूति की तरफ चित्त ले जाने की आवश्यकता है।*
गुरुपूर्णिमा एक वह दिन है , जिस दिन *आप जो भी दिशा तय करो , जो भी लक्ष्य तय करो , उस दिशा की ओर आप साल भर तक आगे बढ़ते चले जाएँगे।*
------ पूज्य गुरुदेव
(२ जुलै २०१२ का प्रवचन)
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