समर्पण की दृष्टि

यदि हम समर्पण की दृष्टि से देखें , तब भी देह ये बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि देह क्या है? देह आत्मा का वाहन है। और आत्मा का ये वाहन जब तक अच्छा होगा , सही स्थिति में होगा , तभी तक हमें ढंग से बैठके ध्यान करने देगा। अन्यथा , बैठते समय भी हम कभी इधर लुढकेंगे , कभी उधर लुढकेंगे , बैठा नहीं जा रहा है , लेट जाएँगे और हमारा शरीर हमारा साथ नहीं देगा। तो शरीर बहुत महत्वपूर्ण है , आत्मा की प्रगति जितनी महत्वपूर्ण है , उतना ही महत्वपूर्ण हमारी ये देह है। क्योंकि वाहन के बिना क्या मोक्षप्राप्ति हो सकती है? हो सकती है? क्या देह के बिना मोक्षप्राप्ति हो सकती है? नहीं हो सकती! तो हमें जन्म से लेकरके मोक्ष तक - मृत्यु तक नहीं कह रही हूँ , मोक्ष तक इस देह की आवश्यकता है ही! और मोक्ष से लेके मृत्यु तक भी देह की आवश्यकता है ही!

             ------ *पूज्या  गुरुमाँ*

*मधुचैतन्य जनवरी २०१८*

*॥आत्म देवो भव:॥*

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