लीपस्टीक
एकबार की घटना है।महात्मा गांन्धी के मृत्यु के बाद एक बार उनके पुत्र और बहु की फोटो पेपर मे छपी तो
बहु के लिपस्टीक की काफी चचाे
हुयी थी।
लिपस्टीक उस जमाने भी सामान्य ही
घटना थी पर वह महात्मा गांन्घी की
बहु ने लगायी थी इसलीये चचाे हुयी
ऐसा होता ही समाज के कीसी “आदशे” व्यक्ती के आसपास एक
चौखट खींच जाती है।पर उसी चौखट
मे आवश्यक नही की उसके परीवार के सभी सदस्य बैठे ही कुछ सदस्य नही भी बैठते है।
लोग एक ही चौखट से सभी को देखते है।प्रत्येक मनुष्य केवल अपने पुवे जन्म के कमे भोगने के लिये की जन्म लेता पुवे जन्म के कमो से किसीको भी छुटकारा नही है । फिर वह मनुष्य
कोई भी क्यो न हो।
आप सभी को “गुरूपोणिमा” के पुवे
सध्या पर खुब खुब आशिवाद यह
गुरूपोणिमा आपके जिवन एक नयी
आध्यात्मीक उंचाई लाये यही प्रभु से
प्राथेना है।
आपका अपना
बाबा स्वामी
25/7/2018
🌺कच्छ समपेण आश्रम पुनडी.कच्छ
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