आत्मज्ञान
* जब शरीर के भोग से अधिक आत्मा का ऐहसास होता हे तो धीरे धीरे शरीर पर व शरीर की गतिविधियों पर आत्मा नियंत्रण करने लग जाती हे। जब आत्मा साधक को, क्या बहुमूल्य मिला रहा है , यह ऐहसास कराने में सफल हो जाती है तो आत्मज्ञान पाने की घटना घटित हो जाती है। *
* बाबा स्वामी *
* HSY 1 pg 184 *
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