*गुरुदेव , हम आपसे जुड़े हुए हैं , तो क्या हम पर राहू , केतू , इन सब ग्रहों का अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ सकता है?*

*स्वामीजी:* नहीं। इसके अंदर मेरा ही खुद का अनुभव बताता हूँ। मेरी पत्रिका एक ज्योतिषी को दी और देने के बाद में उसने जैसे एकदम जैसे एखाद किडा झटक देते हैं न,  वैसे उसने तुरंत फेक दी वापस। बोले , "इस पत्रिका को क्या देखने का ? इस व्यक्ति के हाथ में ही इसका कन्ट्रोल (नियंत्रण) नहीं हैं। इसका कंट्रोल कोई और कर रहा है। तो इस पत्रिका पे कोई इफेक्ट (प्रभाव) होनेवाला ही नहीं हैं।"

दूसरा , इन सब ग्रहों के स्थान , ये जो जितने ग्रह आपने बताए न, ये सब ग्रहों के स्थान हमारे चक्रों के  अंदर हैं। जब हम हमारे सब चक्रों को शुद्ध करते हैं , पवित्र करते हैं , तो उसमें सब वो ग्रह क्लियर (शुद्ध) हो जाते हैं।

दूसरा , एक अंडा है, अंडे के ऊपर अगर समझ लो एक लाल रंग का दाग है , तो उसमें अंडा फुटेगा , उसमें से बच्चा निकलेगा , तो बच्चे के अंदर थोडी वो लाल रंग का दाग होगा! लाल रंग का दाग होगा वो अंडे के छिलके के ऊपर , बच्चे के ऊपर नहीं होगा। ठीक उसी प्रकार से आपका दुसरा जन्म हुआ है , सेकंड बर्थ हुआ है , तो जिस समय साक्षात्कार मिला उस समय की जन्म कुंडली बनाओ, वो सही जन्म कुंडली होगी। जन्म का होगा न तो जन्म का इफेक्ट जन्म के साथ समाप्त हो गया। ये , आत्मा का साक्षात्कार हुआ है, इसीलिए उन ग्रहों का प्रभाव अपने ऊपर नहीं पडता।

दूसरा , जिसको गुरु का प्रोटेक्शन (संरक्षण) रहता है उनके ऊपर बाकी सब चिजों का कोई प्रभाव नहीं रहता। जैसे हम छत्री में रहेंगे , तो छत्री के अंदर हमको बरसात नहीं मालूम होती न , क्यों? क्योंकि हम छत्री के अंदर है। ठीक उसी प्रकार से , एक सामूहिक छत्री के अंदर हम रहते हैं , इन सब बातों का इफेक्ट , इन सब बातों का प्रभाव आपके ऊपर नहीं पडता।

*मधुचैतन्य सितंबर २०१५*
*________________________________*

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी