अनुभूति
जो भी मनुष्य जीवित है, उसे संवेदनाएँ होती हैं और वह इसलिए अनुभूति को प्राप्त कर सकता है। संवेदनाएँ अलग-अलग स्तर की हो सकती हैं। इसलिए अनुभूति भी अलग-अलग स्तर की हो सकती है। लेकिन ' हमें अच्छा लगा' , यह अनुभूति तो विश्व का प्रत्येक मनुष्य कर सकता है और यह अनुभव करने के लिए किसी भाषा की आवश्यकता नहीं है।
हि.स.यो. ५/१२५
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