गुरुपुर्णिमा उत्सव

       आओ , मेरे  हृदय  में  समा  जाओ  औऱ  आपके  उस  निजी  नाम  को  जो  अहंकार  से  लिपटा  हुआ  है  उसे  त्याग  दो  औऱ  मेरे  हृदय  में  समा  जाओ । क्योंकि  गूरूपूजा  में  मैं  गुरूओं  कें  दर्शन  करने  जा  रहा  हूँ । यह  एक  ही  मार्ग , यह  एक 
मात्र  रास्ता  अब  बचा  हुआ  है । इसे  केवल  थोड़े  दिन  कें  लिए , दो  दिन  कें  लिए  अवलम्ब  करके  देखो । आपकी  दो  दिन  में  दुनिया  ही  बदल  जाएगी । शरीर  से  आत्मा  बनने  में  तीन  दिन  का  समय  पर्याप्त  है । गुरुपुर्णिमा  उत्सव  भी  तीन  दिनों  का  ही  है । इन  तीन  दिनों  में  आप  भी  शरीर  से  आत्मा  बनो , ये  मेरी  शुद्ध  इच्छा  है ।
नमस्कार ! 

गुरुपुर्णिमा २०११
परमपूज्य गुरुमाऊली

    

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