*प्रश्न:* स्वामीजी , साधकों के बीच आत्मीयता बनानी होती है या अपने-आप घटित हो जानी चाहिये?
*स्वामीजी:* घटित हो जानी चाहिए। जहाँ साधक का अस्तित्व अलग है , तब आत्मीयता बनाने का प्रश्न है। अगर साधक का अस्तित्व ही समाप्त गया तो आत्मीयता खुद-ब-खुद आ जाएगी। मेरे सब साधकों के साथ अच्छे रिलेशन (संबंध) हैं , तो आपके क्यों नहीं होंगे? आपके भी होने चाहिए। जो मेरी स्थिति है, वो आपको भी प्राप्त होना चाहिए न! अगर आपको प्राप्त नहीं हो रही, इसका मतलब आपने आपका अस्तित्व मेरे से कुछ अलग रखा हुआ है। नहीं तो मेरे सबके साथ अच्छे रिलेशन्स हैं। मेरे लिए कोई साधक खूब पास का और खूब दूर का नहीं है , सब एक जैसे हैं। तो आपके भी रिलेशन्स सबके साथ एक जैसे होने चाहिए।
*मधुचैतन्य अप्रैल २०१४*
*॥जय बाबा स्वामी॥*
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