संपूर्ण समाधान
संपूर्ण समाधान से आशय आत्मा के समाधान से हैं । यह समाधान आपको प्राप्त हुआ हैं क्या ? आप आपका ही आत्मचिंतन करो । क्या मुझे संपूर्ण समाधान प्राप्त हुआ हैं ? या अभी भी कोई इच्छा बाकी हैं , यह मिलना चाहिए , वो होना चाहिए , यह करना चाहिए । अगर ऐसी इच्छाएँ बाकी हैं तो अभी हम शरीर के स्तर के ऊपर जी रहे हैं । अगर वो सारी इच्छाएँ समाप्त हो गई तो आप समझ लो आप उस मकाम तक पहुँच गए जो गुरुपुर्णिमा उत्सव मनाने के लिए निश्चित किया जाता हैं । तो आप आपका ही अवलोकन करो ! क्या आपने अपने जीवनकाल में वो संपूर्ण समाधान को प्राप्त कर लिया हैं ? दूसरा , संपूर्ण समाधान प्राप्त हो जाने के बाद में जीवन में पाने के लिए कुछ बचा ही नहीं रहता हैं । कुछ भी पाने की इच्छा बाकी नहीं रहती । जो कुछ बचा रहता हैं वह जीवन में केवल देना ही देना हैं । वही कार्य आपके हाथ से घटित होगा । क्योंकि जीवन में पाने के लिए ही कुछ बाकी नहीं रह गया । ऐसी स्थिती आपको प्राप्त हुई हैं क्या ? आप आपका ही अवलोकन करो
परमपूज्य गुरुमाऊली
गुरु पूर्णिमा 2015
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