आत्मा का शरीर पर नियंत्रण

जो मनुष्य अपने ऊपर नियंत्रण कर पाता है, वही मनुष्य किसी के सामने झुक सकता है, किसी से मार्गदर्शन ग्रहण कर सकता है, किसी को गुरु मान सकता है |
मेरा जीवन ही शायद इस बात के सबक के लिए हो कि जीवन में अपने ऊपर नियंत्रण जरूरी है |
शरीर पर नियंत्रण सदैव उसकी आत्मा का होता है.. और शरीर से मेहनत हो सकती है, शरीर से कड़ा परिश्रम हो सकता है, पर शरीर से शरीर पर नियंत्रण नहीं हो सकता |
शरीर शरीर पर नियंत्रण कर ही नहीं सकता है शरीर पर नियंत्रण के लिए कोई और उच्च होना चाहिए और वह 'उच्च' आत्मा है| प्रत्येक मनुष्य की आत्मा जितनी सशक्त होगी, नियंत्रण उतना ही अधिक हो पाएगा और शरीर जितना अधिक आत्मा के अधीन होगा, उतना ही नियंत्रण में होगा.. और एक स्वनियंत्रित शरीर सदैव सही मार्ग पर ही होगा ...

श्री ️ शिवक्रुपानंद स्वामी

     

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