* सामुहिकता मे अपनी प्रगति करने का एकदम सरल उपाय : * " आपका ह्रदय सबके लिये खुला होना चाहीये,आपके मनमेँ सबके प्रति अच्छा भाव होना चाहीयेँ । सामनेवाला आपके लिये क्या सोच रहा है उससे आपको कोई लेना देना नही है । वो उसका भाव है , वो उसका क्षेत्र है , वो उसका स्तर है , वो नीचे के स्तर पे है , तुमको उसके लिये नीचे के स्तर पे जाने की कुछ आवश्यकता नही है । तुम तुम्हारा स्तर बनाकरके रखो । आत्मा का स्तर बनाकरके रखो । आत्मिक स्तर के उपर तुम्हारे मन मे सबके प्रति अच्छा भाव होना चाहीये, सबके प्रति एक अच्छा भाव तुम्हारी खुदकी आध्यात्मिक प्रगति करेगा । वो आपके प्रति कैसा भाव रख रहा है उधर ध्यान मत दो । तुम तुम्हारी जगह सही रहो, वो उसकी जगह गलत है । एक दिन उसकी आँख खुलेगी, उसको पता लगेगा, तुम तो सही थे ही__गलत वो था । लेकिन वो गलत है ईसलिये तुम गलत मत हो जाओ । वो नीचे की सीड़ी पे है ईसलिये तुम नीचे की सीड़ी पे मत जाओ । ईँतजार करो , राह देखो , एक दिन उसे भी वो स्तर प्राप्त हो जायेगा ।" -H.H.Shivkrupanand Swamiji, Guru-Purnima-'2008.