मैने जीवन में मेरे सदगुरु को ही परमात्मा माना

* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *
मैने  जीवन  में  मेरे  सदगुरु  को  ही  परमात्मा  माना । इसलिए  मै  इस  "छोटे  से  जीवन " में  ही  परमात्मा  के  इतने  करीब  पहुँच  सका  की  परमात्मा  की  खोज  ही  समाप्त  हो  गई  और  आत्मसमाधान  प्राप्त  हो  गया  की  मैने  "परमात्मा " को  पा  लिया  है ।

-आध्यात्मिक सत्य
  [ पूज्य गुरुदेव ]
* * * * * * * * * * * * * * * * * * * * *

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी