मैने जीवन में मेरे सदगुरु को ही परमात्मा माना
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मैने जीवन में मेरे सदगुरु को ही परमात्मा माना । इसलिए मै इस "छोटे से जीवन " में ही परमात्मा के इतने करीब पहुँच सका की परमात्मा की खोज ही समाप्त हो गई और आत्मसमाधान प्राप्त हो गया की मैने "परमात्मा " को पा लिया है ।
-आध्यात्मिक सत्य
[ पूज्य गुरुदेव ]
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