मन ही हमारे सुख या दुःख का आधार होता ह

अधिकांशतया , मन  ही  हमारे  सुख  या  दुःख  का  आधार  होता  है । जो  लोग  अपने  मन  को  वश  में  रखना  जानते  है  वे  सदैव  सुखी  रहते  है । मन  के  बोझ  से  मुक्ति  के  लिए  गुरुचरणो  में  अथवा  ईश्वर  के  चरणों  में  अपने -आपको  संपूर्ण  समर्पित  करना  होगा । जब  हमारा  "मै " का  अहंकार  समाप्त  होगा  तब  चैतन्य  प्रवाह  में  मन  का  बोझ  भी  हल्का  हो  जाएगा  ! ! !

जय बाबा स्वामी
आपकी . . .      
गुरु माँ

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी