शरीर से परे आत्मा पर चित्त डालो

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अब  शरीर  से  परे  आत्मा  पर  चित्त  डालो । स्वामीजी  के  शरीर  पर  नही , आत्मा  पर  चित्त  डालो । यह  कौन  पवित्र  आत्मा  है , जिसकी  इच्छा  से  यह  साधना  की  पद्धति  समाज  तक  पहुँच  सकी । आप  अगर  आत्मा  पर  चित्त  रखना  सीख  जाएँगे  तो  आप  जान  पाएँगे , आप  कीनके  साथ  जीवन  जी  रहे  हो । प्लास्टिक  की  गोतियाँ  गीनकर  १-२-३-४ बोलना  अब  बहुत  हो  गया । अब  बिना  प्लास्टिक  के  गोटियों  के  बोलना  प्रारम्भ  करो । अब  आपको  ध्यान  करणे  के  लिए  सदगुरु  के  फोटो  की  आवश्यकता  नही  होनी  चाहिए । अब  सदगुरु  की  आत्मा  पर  चित्त  रखने  का  समय  आ  गया  है । फोटो  तो  नए  साधकोँके  लिए  रखो । यह  करणे  में  सफल  हुए  तो  कुछ  प्रगती  हुई  है , यह  समझो ।

- मधूचैतन्य
ज .फ .मा .२०१२

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