समर्पण ध्यान योग का परिचय
वर्तमान समय में जीवन तनाव तथा अशांति से भरा हुआ है। आनंदमय जीवन जीने में ध्यान हमारी सहायता करता है। विश्व में ध्यान की कई पध्दतियाँ प्रचलित हैं जिनमे से एक है समर्पण ध्यान योग। इसमें निर्विचार स्थिति से ध्यान का आरंभ होता है।
मानव जीवन का अंतिम उद्देश मोक्ष प्राप्ति है। मोक्ष ध्यान की सर्वोच्च स्थिति है। इस पध्दति से सामान्य गृहस्थ भी अपनी दिनचर्या में ध्यान को जोड़कर जीवन के अंतिम उद्देश की प्राप्ति कर सकता है। यह सरल ध्यानपद्दति आज के समाज के लिए ही बनाई गई है।
हिमालय की कंदराओं में स्थित अनेक ऋषि मुनि तथा योगियों की आठ साै सालों की अखंड तपस्या का फलित यह ध्यान पध्दति है जिसे सद्गुरु श्री शिवकृपानंद स्वामीजी अपार मेहनत से मनुष्य समाज में लाए हैं। ध्यान के जरिए संपूर्ण मनुष्य समाज उच्च आध्यात्मिक स्थिति प्राप्त करें, आत्मिक संबंध से एक हो जाए, वसुधैव कुटुम्बकम की कल्पना साकार हो, यह समर्पण ध्यानयोग पध्दति का उद्देश है।
यह अनुभूतिजन्य ध्यान पध्दति जाति, धर्म, देश, भाषा तथा लिंगभेद से परे है। यह सारी मानव जाति के लिए निःशुल्क उपलब्ध है।
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