आपका मन बड़ा होगा , आपका पात्र बड़ा होगा

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जब  आप  किसी  के  लिए  कुछ  करेंगे  ना , आपका  अंदर  से  मन  खुलेगा । और  जब  आपका  मन  खुलेगा , आपका  मन  बड़ा  होगा । जितना  आपका  मन  बड़ा  होगा , आपका  पात्र  बड़ा  होगा ।आपका  पात्र  बड़ा  होगा  तो  आप  अधिक  चैतन्य  ग्रहण  कर  पाएँगे ।

- चैतन्य महोत्सव
      २०१४
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