समस्याओं का रोना-धोना छोड़ दो

अब समस्याओं का रोना-धोना छोड़ दो, *अपनी आत्मशक्ति बढ़ाओ। अब आप समस्याओं को दूर करने के लिए प्रार्थना मत करो।* ऐसा करने से आपका चित्त समस्या पर नहीं, अपने आत्मा पर होगा। *बिना आत्मा पर चित्त रखे आत्मबल और आत्मविश्वास, आत्मसमाधान, आत्मशांति कभी नहीं मिल सकती है।*

आज के आधुनिक टेक्नॉलॉजी के समय में *वही राष्ट्र प्रगति कर सकता है जहाँ के देशवासी भाषा, जाति, धर्म, लिंग आदि के अंतर से ऊपर उठे हों।* यह सभी भेदभाव राष्ट्र की प्रगति में बाधक हैं। यह समय की माँग है। उस माँग के साथ चलने की आवश्यकता है।

अब यह मत सोचो कि यह कैसे संभव है? यह तो कभी न हुआ है और न कभी हो सकता है। *आप यह दुनियादारी की बातें छोड़ दो।*

- सद्गुरू के हृदय से*, पृष्ठ:७६

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