मनुष्य अपने जीवन में आने वाली समस्याओं के कारण परेशान रहता है

मनुष्य अपने जीवन में आने वाली समस्याओं के कारण परेशान रहता है और अपनी समस्याए सुलझाने में अपने आपको असमर्थ पाता है और फिर वह परमात्मा की शरण में जाता है। तब वह परमात्मा की मदद लेने के लिए अपने आपको गुरु को सोपता है या सोपने के लिए मनुष्य की परिस्थिति ही कारण होती है। अगर परिस्थिति ही निर्माण नहि हुई तो सोपने का सवाल ही नहि पैदा होता है। यानी जीवन में आने वाली ख़राब परिस्थिति ही मनुष्य और समर्पण के बीच एक पुल का कार्य करती है। फिर कुछ समय के बाद समर्पित रहना मनुष्य का स्वभाव हो जाता है।

-HSY 1 pg 409

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