एहसास कैसे होगा ?
अब प्रश्न है , एहसास कैसे होगा ? तो पहले यह समझना होगा कि जागृति शरीर की नहीं हुई है , जागृति हुई है आत्मा की और इसका एहसास भी आत्मा को हो सकता है । तो सर्वप्रथम , आत्मा को जागृति का एहसास करने की इच्छाशक्ति जागृत करनी होगी और शरीर पर नियंत्रण करना होगा । हमें प्रथम अपने- आपको आत्मा समझना पड़ेगा , तभी हम आत्मा की अनुभूति को अनुभव करेंगे । " मैं एक पवित्र आत्मा हूँ" , यह मानना हमारा ध्यान प्रथम हमारी आत्मा की ओर लेकर जाएगा । आत्मा पर ध्यान जाएगा तो ही अनुभूति का बोध होगा । और अनुभूति पर ध्यान जाएगा तो शरीर को भी प्रसन्नता महसूस होगी , शांति महसूस होगी , तनावरहित लगेगा । और धीरे -धीरे इस क्रिया में शरीक भी अपना योगदान देना प्रारंभ कर देगा । और जैसे -जैसे इस क्रिया में शरीर सहभागी होगा , वैसे -वैसे मनुष्य का ध्यान शरीर के ऊपर से हटेगा । और जब शरीर पर ही ध्यान नहीं है तो शरीर की समस्याओं पर ध्यान कम होना प्रारंभ होगा । और जब समस्याओं पर मनुष्य अपना चित्त नहीं डालेगा तो समस्याओं का आना स्वयं ही बंद हो जाएगा । समस्यारूपी काँटे के झाड़ पर जब हम हम चित्तरूपी खाद डालते हैं, तभी काँटे का झाड़ बढ़ता है ।
-HSY-4....
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