सदगुरु रूपी समुद्र में अपने अस्तित्व को समर्पित कर दो
आपको अगर तैरना सीखना है और आपने जमीन पर लेटकर कितना भी हाथ -पैर मारने का अभ्यास किया , कितनी भी "कैसा तैरना चाहिए " की पुस्तके पढ़ी तो कभी तैरना नही आएगा । तैरने के लिए पानी में उतरना ही होगा ।
ठीक इसी प्रकार "अहंकार दूर कैसे करे ?" की कितनी ही पुस्तके पढ़ लो , वे और अहंकार को बढाएन्गि । अहंकार रूपी "मै " को समाप्त करने का एक ही मार्ग है , "सदगुरु " रूपी समुद्र में अपने अस्तित्व को समर्पित कर दो । तैरना खुद -ब -खुद आ जाएगा ।
ठीक इसी प्रकार "अहंकार दूर कैसे करे ?" की कितनी ही पुस्तके पढ़ लो , वे और अहंकार को बढाएन्गि । अहंकार रूपी "मै " को समाप्त करने का एक ही मार्ग है , "सदगुरु " रूपी समुद्र में अपने अस्तित्व को समर्पित कर दो । तैरना खुद -ब -खुद आ जाएगा ।
- आध्यात्मिक सत्य
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