दान वही है जो निष्काम भाव से किया जाए
सत्य अर्थ में दान वही है जो निष्काम भाव से किया जाए । "मैने दान दिया " यह भाव आगे जाकर अहंकार को जगाता है । "दान दिया " यह भाव हमे कर्म बंधन में भी बांधता है । जिस प्रकार बादल , धरती , सूर्य , नदियाँ तथा प्रकृति से दान प्राप्त कर हम जीवन जीते है वैसे ही निष्काम भाव से किया श्रमदान , ज्ञानदान , समयदान , धनदान , सेवादान ही सत्य अर्थ में दान है ।. . .
आपकी
गुरु माँ
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