हिमालय का अपना ही एक आकर्षण है।
हिमालय का अपना ही एक आकर्षण है। उसे शब्दों में बताया नहीं जा सकता है। वह तो केवल अनुभूति है और अनुभूति को केवल अनुभव ही किया जा सकता है। उसे अभिव्यक्त करना संभव ही नहीं है।
HSY 3 pg 386
हिमालय का अपना ही एक आकर्षण है। उसे शब्दों में बताया नहीं जा सकता है। वह तो केवल अनुभूति है और अनुभूति को केवल अनुभव ही किया जा सकता है। उसे अभिव्यक्त करना संभव ही नहीं है।
HSY 3 pg 386
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