जीवन एक बहती धारा है

जीवन एक बहती धारा है
इसमें तो बहते जाना है ।
ऊँची नीची राह मिले गर
पथरीला हो तेरा रास्ता

चट्टानों से राह बनाकर
बस तुझको बढते जाना है ।
उछलकूद करते जाना है
बस तुझको बहते जाना है ।
राह में स्नेह मिले जिससे भी
उसे सहेज अपनी स्मृतियों में
स्नेह कुंज के स्नेह कणों को
सब तक पहुचाते जाना है।
स्नेहसभर जीवन हो सबका
यह प्रयास करते जाना है
जीवन एक बहती धारा है
इसमें तो बहते जाना है।

" माँ " पृष्ठ -२२५

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