सदा सुबह 3:30am बजे से 7:30am बजे तक के समय में ही गुरूशक्तियाँ मार्गदर्शन करती थीं
अनुभव से यह जाना था कि सदा सुबह 3:30am बजे से 7:30am बजे तक के समय में ही गुरूशक्तियाँ मार्गदर्शन करती थीं और उस समय उनके साथ संबंध आसानी से स्थापित हो जाता था । वह समय सूर्योदय के पूर्व का होता था । उस सूर्योदय के पूर्व की चैतन्य की बेला में एक अलग ही अनुभव होता था । इस समय सारी ऊर्जाशक्ति ऊपर की ओर (ऊर्ध्वगामी) होती है और इसका प्रभाव प्रकृति के ऊपर भी पड़ता है । सारी कलियाँ इस समय खिलती हैं, सारे बीज भी इसी समय अंकुरित होते है ।
मनुष्य के लिए दिनभर का सर्वश्रेष्ठ काल होता है । मनुष्य को शक्तियाँ अर्जित करने के लिए यह उपयुक्त समय है , साधना करने के लिए उपायुक्त समय है , किसी भी मंत्र को सिद्ध कर आत्मसात् करने के लिए यह सर्वोत्तम समय है । नया ग्यान पाने के लिए यह उपयुक्त समय है । इस काल का प्रत्येक श्ण महत्वपूर्ण होता है । गहन ध्यान में जाने के लिए भी यही समय उपयुक्त जान पड़ता है । इसीलिए यग्न और हवन के लिए भी ॠषियों ने इस समय को उपयुक्त समझा होगा । इस समय में हम जिस दिशा में होंगे , उसी दिशा में हम आगे बढे़गे। अगर चित्त आत्मा की ओर हो तो अंदर की यात्रा पर जाने के लिए तो सर्वश्रेष्ठ समय होता है ।
HSY-4. Pg-124
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