करुणा
करुणा होना , न होना, मनुष्य की ग्रहण करने की क्षमता पर निर्भर होता है। क्यूँकि किसी सदगुरु की करुणा को प्रयत्न से प्राप्त नहि किया जा सकता है। करुणा तो करुणा है, करुणा बस स्वयं ही हो जाती है।
HSY 1 pg 240
करुणा होना , न होना, मनुष्य की ग्रहण करने की क्षमता पर निर्भर होता है। क्यूँकि किसी सदगुरु की करुणा को प्रयत्न से प्राप्त नहि किया जा सकता है। करुणा तो करुणा है, करुणा बस स्वयं ही हो जाती है।
HSY 1 pg 240
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